घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि को 10 दिसम्बर, 2021 से बढाकर 25 दिसम्बर, 2021 किया गया


घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि को 10 दिसम्बर, 2021 से बढाकर 25 दिसम्बर, 2021 किया गया
तकनीकी कारणों से ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने से वंचित रह गये गन्ना किसानों के अनुरोध के दृष्टिगत अन्तिम बार तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया गया

अन्तिम तिथि तक घोषणा-पत्र न भरने वाले गन्ना किसानों को सामान्य बढ़ोत्तरी, उपज बढ़ोत्तरी, अतिरिक्त सट्टा आदि की सुविधा नहीं मिल पाएगी
  लखनऊः 14 दिसम्बर, 2021


प्रदेश के ऐसे गन्ना किसान जो इण्टरनेट/सर्वर की गति धीमी होने अथवा मोबाइल या इण्टरनेट की अच्छी जानकारी के अभाव में एवं अन्य तकनीकी कारणों से घोषणा-पत्र भरने से अभी भी वंचित रह गये हैं, उनकी सुविधा के दृष्टिगत ई.आर.पी. की वेबसाइट-मदुनपतलण्बंदमनचण्पद पर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने की अन्तिम तिथि को 10 दिसम्बर, 2021 से बढ़ाकर 25 दिसम्बर, 2021 करते हुए अन्तिम अवसर प्रदान किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि को पूर्व में 05 बार बढ़ाया जा चुका है, परन्तु अभी भी मात्र 02-03 प्रतिशत किसान तकनीकी कारणों जैसे इण्टरनेट की स्लो स्पीड, बिजी सर्वर आदि समस्याओं के कारण अभी भी घोषणा-पत्र भरने से वंचित रह गये हैं। इन कृषकोें की सुविधा एवं विभाग के टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर गन्ना किसानों द्वारा लगातार किये जा रहे अनुरोध के दृष्टिगत गन्ना किसानों को घोषणा-पत्र भरने के लिए 15 दिनांे का एक और अवसर प्रदान करते हुए अन्तिम तिथि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। ज्ञातव्य है कि ैउंतज ळंददं ज्ञपेींद ;ैळज्ञद्ध प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पेराई सत्र 2021-22 हेतु गन्ना किसानों द्वारा अपने घोषणा-पत्र ऑनलाइन भरे जा रहे हैं।
गन्ना आयुक्त ने प्रदेश के गन्ना किसानों से अपील की है कि प्रत्येक दशा में इस अवसर का लाभ लेते हुए पेराई सत्र 2021-22 हेतु 25 दिसम्बर, 2021 तक अपना ऑनलाइन घोषणा-पत्र भर दें। इसके बाद घोषणा-पत्र भरने की तिथि को बढ़ाया जाना सम्भव नहीं होगा। अन्तिम तिथि तक घोषणा-पत्र न भरने वाले गन्ना किसानों को सामान्य बढ़ोत्तरी, उपज बढ़ोत्तरी, अतिरिक्त सट्टा आदि की सुविधा नहीं मिलेगी तथा सट्टा भी बंद किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना किसान इस सम्बन्ध में गन्ना समितियों के सचिवों, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं गन्ना पर्यवेक्षकों से सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं।

Post a Comment

0 Comments